रामकृष्ण मिशन की स्थापना : रामकृष्ण मिशन की स्थापना "1 मई 1897 ई०" में हुई थी। इसके संस्थापक "स्वामी विवेकानंद जी" थे। इसका मुख्यालय "बेलूर मठ, कोलकाता" में स्थित है। इनके अन्दर राष्ट्रवादी प्रवृत्ति थी। अपने देश के नागरिकों की मान मर्यादा और उत्साह को बढ़ाने के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे। स्वामी जी इस मिशन के माध्यम से ही जीवन भर समाज सुधार, एवं धर्म सुधार के कार्यों में लगे रहे। रामकृष्ण परमहंस एक अच्छे संत और शुभचिंतक थे। उनकी भारतीय विचारधारा और संस्कृति में पूरी तरह से आस्था थी।लेकिन उन्होंने सभी धर्मों को ही सत्य माना। उनके अनुसार ईश्वर,कृष्ण, राम अल्लाह, भगवान सब एक ही परमात्मा के अनेक नाम है। मूर्ति पूजा में ये विश्वास करते थे। उसे सर्वशक्तिमान,शाश्वत,परमात्मा को प्राप्त करने का एक अच्छा साधन मानते थे। ये आजीवन ईश्वर को प्राप्त करने के लिए निस्वार्थ,अनन्य भक्ति करते रहे। स्वामी जी ने बिना विकल्प के ही समाधी की अवस्था को पा लिया था। तभी से उन्हें लोग परमहंस कहकर पुकारने लगे। स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु परमहंस के बारे मे कहा था- मुझे एक ऐसे संत और ...