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कोशिका क्या है? | कोशिका की खोज, संरचना, प्रकार और कार्य – सम्पूर्ण जानकारी

कोशिका की परिभाषा (cell definition in hindi) जीवधारियों की आधारभूत संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई को कोशिका(cell) कहा जाता है, संसार के सभी जीव छोटी-छोटी कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं। कोशिका के अध्ययन को Cytology कहा जाता है।  कोशिका की खोज :-  सर्वप्रथम कोशिका की खोज 1665 ई. में रॉबर्ट हुक ने की परंतु इन्होंने मृतकोशिका की खोज की थी, इसलिए इन्हें Father of cytology कहते हैं। सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज 1674 में एंटोनी वाँन ल्यूबेनहॉक ने की। कोशिका सिद्धांत :- जर्मनी के वनस्पति विज्ञानी एम. जे. श्लाइडेन ने और जर्मनी के जन्तु विज्ञानी थियोडोर श्वान ने कोशिका सिद्धांत दिया। कोशिका सिद्धांत की मुख्य बातें - 1.प्रत्येक जीव की उत्पत्ति एक कोशिका से होती है। 2.प्रत्येक जीव का शरीर एक या बहुत सी कोशिकाओं का बना होता है। 3.प्रत्येक कोशिका एक स्वाधीन इकाई है, तथापि सभी कोशिकाएं मिलकर कार्य करती हैं, इसके फलस्वरूप एक जीव बनता है। 4.कोशिका की उत्पत्ति की प्रक्रिया में केंद्रक (nucleus) मुख्य कार्यकर्ता या सृष्टिकर्ता के रूप में भाग लेता है। सबसे छोटी कोशिका - : माइकोप्लाज़...

BPSC TRE 4.0 भर्ती 2025 | बिहार शिक्षक भर्ती पूरी जानकारी

🏫 BPSC TRE 4.0 भर्ती 2025 : बिहार के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर शिक्षण हमेशा से भारत में सबसे सम्मानजनक पेशों में गिना जाता रहा है। एक अच्छा शिक्षक न केवल विद्यार्थियों को पढ़ाता है, बल्कि उनके जीवन को नई दिशा भी देता है। बिहार सरकार हाल ही में पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है BPSC TRE (Teacher Recruitment Exam) । अब इसकी चौथी कड़ी यानी BPSC TRE 4.0 सामने आ चुका है। यह उन लाखों ऐसे अभ्यर्थियों के लिए सुनहरा अवसर है जो शिक्षक बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं तथा नयी दिशा देकर विद्यार्थियों के जीवन को बदलना चाहते हैं। 📌 BPSC TRE 4.0 क्या है? BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित यह परीक्षा बिहार के सरकारी विद्यालयों में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए की जाती है। TRE 1.0, TRE 2.0 और TRE 3.0 के बाद अब यह चौथा चरण है। इस बार अधिक सीटों के साथ परीक्षा आयोजित होने वाली है। आयोग का उद्देश्य यह है कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए पर्याप्त योग्य शिक्षकों ...

संज्ञा क्या है? Noun in hindi - परिभाषा, भेद, उदाहरण

संज्ञा (Noun) की परिभाषा : किसी  व्यक्ति, वस्तु, स्थान गुण, कार्य या अवस्था  को प्रकट करने वाले शब्दों को संज्ञा (Noun) कहते हैं। (A noun is a word which is used as the name of a person, a place, a thing, an action quality or state as.) Examples.  Rahul, Mahima, Cow, Crow, Ganga, Himalayas, Ramayan, Sunday, March, Gold, Army, Delhi, Agra, Work, Pen, Truth, Sleep संज्ञा के प्रकार (kinds of noun in hindi) : संज्ञा पांच प्रकार की होती है। (There are five kinds of noun) : 1. Proper noun (व्यक्तिवाचक संज्ञा) 2. Common noun (जातिवाचक संज्ञा) 3. Collective noun (समूह वाचक संज्ञा) 4. Material noun (पदार्थ वाचक संज्ञा) 5. Abstract noun (भाव वाचक संज्ञा) 1. Proper noun (व्यक्तिवाचक संज्ञा) : जिस संज्ञा से किसी विशेष व्यक्ति, देश या स्थान आदि का बोध होता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। The name given to a particular person, place or thing is a proper noun. Examples :  Meena  was born on  Saturday . Delhi  is the capital of  India . इसमें Meena, Saturday,...

Vitamin B12 क्या है? फायदे, कमी, लक्षण और स्रोत | पूरी जानकारी हिंदी में

विटामिन B12 क्या है? फायदे, कमी के लक्षण और स्रोत | Vitamin B12 in Hindi क्या आपने कभी सुना है कि सिर्फ थकावट भी किसी विटामिन की कमी से हो सकती है? पिछले महीने मेरी मौसी अक्सर थकी-थकी सी रहती थीं। कभी चक्कर, कभी हाथ-पैर सुन्न। डॉक्टर ने एक खून की जांच करवाई और पाया कि उन्हें विटामिन B12 की गंभीर कमी है। तब जाकर हमें समझ आया कि यह छोटा-सा पोषक तत्व शरीर के लिए कितना बड़ा सहारा है। आइए जानते हैं कि Vitamin B12 क्या है, यह क्यों ज़रूरी है, इसके क्या फायदे हैं और इसकी कमी कैसे दूर की जा सकती है।

Google Gemini का Student Offer: ₹19,500 का AI Plan बिल्कुल फ्री

भारत में छात्रों के लिए Google Gemini Student Offer: पूरी जानकारी हिन्दी में  🎁 क्या है ऑफ़र? Google ने भारत के छात्रों के लिए (जो 18 वर्ष या इससे ऊपर की आयु के हों) को ₹19,500 प्रति वर्ष मूल्य वाले Google AI Pro Plan मिल रहा है —जिसमें Gemini 2.5 Pro शामिल है।—एक वर्ष के लिए मुफ्त प्रदान करने की घोषणा की है।  यह योजना सितंबर 2025 तक sign up करने वाले छात्रों के लिए उपलब्ध है   📌 छात्रों को क्या-क्या सुविधाएँ मिलेंगी ? Gemini 2.5 Pro : Google का उच्चतम AI मॉडल, कठिन विषयों की समझ, Homework सहायता और Notes तैयार करने में समर्थ   Deep Research : गहराई से research और रिपोर्ट तैयार करना। NotebookLM Plus : पांच गुना अधिक notebook और ऑडियो सीमाएँ उपलब्ध हैं। Veo 3 Fast तथा Flow : text या photo से वीडियो बनाने के tools मिलेंगे। Gemini Live : interactive voice आधारित अध्ययन सहायक। Gmail, Docs, Sheets integration : AI सहायता सीधे Google apps में‌ उपलब्ध। 2 TB क्लाउड स्टोरेज : Drive, Gmail और Photos में storage के लिए  है। 🎯 पात्रता मानदं...

आर्य समाज की स्थापना, सिद्धांत और कार्य | Arya Samaj in Hindi

आर्य समाज की स्थापना : आर्य समाज की स्थापना  स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सन 1875 ई०  में की थी। स्वामी दयानंद सरस्वती का जीवन परिचय इनका जन्म  सन 1824 ई०  में गुजरात राज्य के टंकारा गांव में एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम  पंडित अंबाशंकर  था जो वेदों के प्रकांड विद्वान थे। इनके पिताजी ने स्वामी जी को न्याय, दर्शन और वैदिक आदि की शिक्षा दी थी। कुछ समय के बाद में स्वामी जी ने अपना गृह का त्याग कर दिया। 15 वर्ष तक वे लगातार कई स्थानों पर घूमते रहे। 1807 ई० में वे मथुरा पहुंचे। वहां पर उन्होंने वैदिक धर्म के प्रति स्वामी विरजानंद जी से अगाध श्रद्धा प्राप्ति की। भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वास,असमानता, पाखंड,आडम्बर को जड़ से समाप्त करने का प्रण किया। स्वामी दयानंद का आदेश था कि अपने देश भारत को "सामाजिक धार्मिक राष्ट्रीय" रूप से एक कर दिया जाए। धर्म के क्षेत्र में उन्होंने श्राद्ध,अवतारवाद, बहुदेववाद, मूर्ति पूजा, मंत्र जप और पशुबली को कभी भी स्वीकार नही किया। उनके अनुसार मानव "भाग्य का खिलौना" ही नहीं अपितु अपने भाग्य का भी निर्माता है।  कर्...

ब्रह्म समाज की स्थापना कब और किसने की ? Brahm samaj in hindi

ब्रह्म समाज की स्थापना : ब्रह्म समाज की स्थापना " राजा राममोहन राय  ने  20 अगस्त 1828 ई० में   कोलकाता"  में की थी। बंगाली समाचार पत्र " संवाद कौमुदी"  की स्थापना सन् 1819 ई० की जिसे "भारतीय समाचार पत्रों का जनक" कहा जाता है। पाश्चात्य शिक्षा का समर्थन करने के लिए 1819 ई० में इन्होंने कोलकाता में  हिंदू कॉलेज  की स्थापना की। ब्रह्म समाज केेे प्रमुख सिद्धांत- ईश्वर एक है वह सर्वव्यापी एवं निराकार है। उसकी आराधना करने के लिए कर्मकांडों, मूर्ति पूजा और बाह्य आडम्बरों की आवश्यकता नहीं है। उसी की पूजा करने का अधिकार सभी को है, सच्चे हृदय से उसकी पूजा एवं प्रार्थना करने से वह प्रसन्न होता है। आत्मा अजर और अमर हैं एवं शरीर नाशवान है। मनुष्य को कट्टरता एवं अंधविश्वास को त्याग कर मानवतावादी सार्वभौमिक सिद्धांतों को स्वीकार करना चाहिए। ईश्वर कर्म के अनुसार ही मनुष्य को फल देता है, मानव को अपने पापों का प्रायश्चित कर लेना चाहिए तभी उसे मोक्ष मिलेगा। ब्रह्म समाज सत्य और प्रेम में विश्वास करता है और छुआछूत तथा जातिवाद का विरोधी है। हमें प्राणियों के प्रति दया रखनी ...